ग़ाजा: रफ़ाह में इसराइली बमबारी हुई सघन, 80 हज़ार लोग विस्थापित
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के अनुसार, इनमें से अधिकतर फ़लस्तीनी लोग, इसराइली सेना के बेदख़ली आदेश जारी किए जाने के बाद विस्थापित हुए हैं.
ये लोग पहले ही ग़ाज़ा में अन्यत्र स्थानों पर युद्ध के कारण विस्थापित हुए थे; अब ये लोग रफ़ाह से अपने यथासम्भव सामान के साथ बाहर निकल रहे हैं.
यूएन एजेंसी ने बताया है कि अनुमानों के अनुसार, साढ़े 47 हज़ार से अधिक लोग, बुधवार तक रफ़ाह में अपने आश्रय स्थलों से निकल गए थे.
हर तरफ़ बमबारी
UNRWA ने ताज़ा जानकारी में बताया है कि रफ़ाह के पूर्वी इलाक़े में गुरूवार को दिन में और उससे पहले रात में भी इसराइल की भीषण बमबारी जारी रही.
ये घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब यूएन एजेंसियों ने चेतावनियाँ भी जारी की हैं कि रफ़ाह के निकट कैरेम शेलॉम सीमा चौकी खोले जाने की ख़बरें के बावजूद, ग़ाज़ा में बिल्कुल भी मानवीय सहायता दाख़िल नहीं हो रही है.
बीते सप्ताहान्त हमास के एक रॉकेट हमले के बाद, इसराइल ने कैरेम शेलॉम सीमा चौकी को बन्द कर दिया था.
यह सीमा चौकी भी रफ़ाह के निकट है और ध्यान देने की बात है कि रफ़ाह और कैरेम शेलॉम ही, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए मात्र प्रवेश द्वार हैं.
इसराइली सेना ने मंगलवार को रफ़ाह सीमा चौकी को भी अपने नियंत्रण ले लिया था, जिसके बाद युद्धविराम की उम्मीदें धूमिल हो गई थीं.
उत्तरी ग़ाज़ा में सहायता में देरी
संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने कहा है कि अप्रैल में, इसराइली अधिकारियों ने, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में 25 प्रतिशत से अधिक सहायता मिशनों को बाधित किया, और लगभग 10 प्रतिशत मिशनों को नामंज़ूर ही कगर दिया गया… संयुक्त राष्ट्र और मानवीय सहायता साझीदार यथासम्भव सहायता मिशन बढ़ाने के लिए मुस्तैद हैं.
विश्व खाद्य कार्यक्रम – WFP ने बुधवार को बताया था कि उसने, उत्तरी ग़ाज़ा में बेइत हनून में पहुँच बना ली है, जहाँ कई महीनों से कोई सहायता एजेंसी नहीं पहुँच पाई थी.
पश्चिमी तट में हिंसा निरन्तर जारी
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय OHCHR ने ग़ाज़ा में युद्ध जारी रहने के दौरान आगाह किया है कि इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में भी, फ़लस्तीनियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किए जाने के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है.
क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में OHCHR के मुखिया अजित सुंघे ने यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा है, “इसराइली सेना इस तरह का बर्ताव कर रही है, मानो कि पश्चिमी तट में कोई सशस्त्र टकरा चल रहा हो.”
अजित सुंघे ने बताया कि ग़ाज़ा में मौजूदा युद्ध भड़कने से पहले भी, पश्चिम तट में हालात बहुत ख़राब थे.