लातिन अमेरिका व कैरीबियाई क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी, चक्रवाती तूफ़ान और सूखे का क़हर
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने तापमान में आए इस उछाल की वजह ऐल नीन्यो प्रभाव और जलवायु में आ रहे दीर्घकालिक बदलावों को बताया है, जिसकी वजह से सूखे, वनों में आग लगने, अत्यधिक बारिश और चक्रवाती तूफ़ान की घटनाएँ हुई हैं.
यूएन एजेंसी की महासचिव सेलेस्ते साउलो ने कहा कि “दुर्भाग्यवश, 2023 लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड जलवायु जोखिमों का वर्ष था.”
‘ऐल नीन्यो’ और ‘ला नीन्या’, पृथ्वी पर जलवायु प्रणाली के मुख्य वाहक हैं और ऐल नीन्यो अपने साथ गर्मी लाने वाला प्रभाव है.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि ऐल नीन्यो परिस्थितियों के कारण 2023 की दूसरी छमाही के दौरान, अनेक चरम मौसम घटनाएँ हुईं. बढ़ते तापमान और मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण जोखिमों में वृद्धि हो रही है और चरम मौसम घटनाओं की आवृत्ति बढ़ रही है.
यूएन एजेंसी के अनुसार, 2023 में अब तक का सर्वाधिक औसत तापमान रिकॉर्ड किया गया, जोकि 1991-2020 के औसत से 0.82°C, और 1961-1990 की बेसलाइन से 1.39°C अधिक था.
मैक्सिको के लिए यह वर्ष असाधारण बताया गया है जहाँ तापमान अनेक इलाक़ों में 45°C तक पहुँच गया. 29 अगस्त को सर्वाधिक 51.4°C दर्ज किया गया. क्षेत्र में गर्मी बढ़ने की सबसे अधिक दर यहीं है.
अत्यधिक ताप लहरों के कारण अगस्त-दिसम्बर के दौरान मध्य दक्षिणी अमेरिका पर भी असर हुआ, और अगस्त में ब्राज़ील के कुछ हिस्सों में पारा 41°C के पार पहुँच गया.
वहीं, पेरू, बोलिविया, पैराग्वे और अर्जेन्टीना में सितम्बर महीने में सबसे ऊँचे तापमान दर्ज किए गए.
आम लोगों व वन्यजीवन पर असर
चरम मौसम घटनाओं की वजह से अनेक लोगों की जान गई है, और बड़े पैमाने पर वन्यजीवों, पारिस्थितिकी तंत्रों व अर्थव्यवस्था को क्षति पहुँची है.
उदाहरणस्वरूप, मैक्सिको में श्रेणी 5 चक्रवाती तूफ़ान ‘ओटिस’ से बड़ी संख्या में लोगों की जान गई, अरबों डॉलर की आर्थिक चपत लगी. वहीं सूखे की गम्भीर घटनाओं के कारण पनामा नहर में नदियों के प्रवाह पर असर हुआ है, जिससे अन्तरराष्ट्रीय जहाज़ों का आवागमन पंगु हो गया है.
इसके अलावा ताप लहरों की चपेट में आने, वनों में आग लगने से होने वाले धुँए को निगलने, धूल भरी आँधी चलने और वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य जोखिम बढ़े हैं, विशेष रूप से हृदयवाहिनी (cardiovascular) और श्वसन तंत्र सम्बन्धी बीमारियाँ फैल रही हैं.
वहीं, ब्राज़ील के ऐमेज़ोन वन क्षेत्र में स्थित एक झील में रिकॉर्ड तापमान की वजह से कम से कम 150 डॉल्फ़िन की मौत हो चुकी है.
यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी ने आगाह किया है कि इस क्षेत्र में समुद्री जल स्तर में वृद्धि की रफ़्तार बढ़ रही है, जिससे तटीय इलाक़ों में रहने वाली आबादी पर बड़ा ख़तरा है.
ब्राज़ील में बाढ़ का क़हर
इस बीच, ऐल नीन्यो प्रभाव के कारण पिछले कुछ हफ़्तों में दक्षिणी ब्राज़ील में रिकॉर्ड स्तर पर बारिश हुई है, जिससे यह क्षेत्र अभूतपूर्व बाढ़ से जूझ रहा है. इससे साढ़े आठ लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और विशाल स्तर पर बुनियादी ढाँचे व अर्थव्यवस्था को क्षति पहुँची है.
रियो ग्रान्डे डो सूल प्रान्त में स्थानीय प्रशासन ने 78 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है, 175 अन्य घायल हुए हैं जबकि 105 लोग लापता बताए गए हैं.
क़रीब 19 हज़ार लोगों ने अपने घरों को खो दिया है और एक लाख 16 हज़ार विस्थापित हुए हैं. यूएन एजेंसी का कहना है कि फ़िलहाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को तत्काल राहत मिलती नहीं दिख रही है.
रियो ग्रान्डे डो सूल प्रान्त में 27 अप्रैल के बाद से ही भीषण बारिश हो रही है, और एक सप्ताह से कम समय में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है. दक्षिणी ब्राज़ील के बेन्तो गोन्सालवेज़ इलाक़े में 543.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.
यूएन सहायता के लिए तैयार
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को जारी अपने एक वक्तव्य में मूसलाधार बारिश और बाढ़ में लोगों की मौत होने और आर्थिक क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है.
उन्होंने प्रभावित परिवारों के लिए अपनी गहरी सम्वेदना व एकजुटता जताई है.
महासचिव गुटेरेश ने भरोसा दिलाया है कि ज़मीन पर संयुक्त राष्ट्र सहायता टीम, ब्राज़ील में इस कठिन समय के दौरान ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि ऐसी आपदाएँ, जलवायु संकट से आम जीवन व आजीविकाओं पर होने वाले विनाशकारी असर के प्रति आगाह करती हैं.
इस क्रम में, यूएन प्रमुख ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से पार पाने के लिए अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई की पुकार दोहराई है.