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ग़ाज़ा: रफ़ाह में मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ हुईं दूभर

ग़ाज़ा: रफ़ाह में मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ हुईं दूभर

ग़ाज़ा पट्टी में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के कार्यालय प्रमुख डॉक्टर अहम दाहिर ने यूएन न्यूज़ को बताया कि हालात बेहद नाज़ुक हैं और ऐसा अभूतपूर्व स्तर पर हो रहा है. इसराइल ने रफ़ाह में शरण लेने वाले हज़ारों लोगों को जगह ख़ाली करने का आदेश दिया है.

WHO अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर फ़ील्ड अस्पताल तैयार कर रहा है और ख़ान यूनिस में नासेर मेडिकल परिसर में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली के लिए समर्थन मुहैया कराया गया है.

डॉक्टर दाहिर ने बताया कि डेयर अल बालाह में एक बड़ा भंडारण केन्द्र स्थापित किया गया है, जहाँ से ख़ान यूनिस, मध्य ग़ाज़ा और उत्तरी ग़ाज़ा में तेज़ी से मदद व आपूर्ति पहुँचाई जा सकेगी.

यूएन एजेंसी कार्यालय प्रमुख के अनुसार, अस्पतालों में मरीज़ों की भीड़ है और हाल के घटनाक्रम से वहाँ पहुँचना मुश्किल हो रहा है. इस क्रम में, डॉक्टर दाहिर ने अल-नज्जर अस्पताल का उल्लेख किया जहाँ 100 से अधिक मरीज़ों को डायलिसिस सेवा प्रदान की जा रही है.

वहीं, ग़ाज़ा के ऐमिराती मातृत्व अस्पताल में हर महीने 100 से अधिक नवजात शिशुओं का जन्म हो रहा है. यदि वहाँ कामकाज पर असर होता है तो गर्भवती महिलाओं को अन्य फ़ील्ड अस्पताल या नासेर मेडिकल परिसर में भेजने की व्यवस्था की जा रही है.

ईंधन की क़िल्लत

इस बीच, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता अभियान की देखरेख कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राहत प्रयासों के लिए ईंधन आपूर्ति बेहद ज़रूरी है, मगर उसके जल्द ख़त्म हो जाने की आशंका है.

क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में यूएन एजेंसी के कार्यालय प्रमुख एन्ड्रिया डे डोमेनिको ने बताया कि मिस्र के साथ लगने वाली सीमा पर स्थित रफ़ाह चौकी के बन्द हो जाने से ईंधन आपूर्ति व्यवस्था कट गई है, जिससे राहतकर्मियों की आवाजाही पर असर हुआ है.

उन्होंने येरूशेलम से जानकारी देते हुए बताया कि ईंधन की क़िल्लत एक बड़ी चिन्ता का विषय है, चूँकि मानवीय सहायताकर्मियों के पास केवल 30 हज़ार लीटर ही उपलब्ध है, जबकि आमतौर पर दो लाख लीटर प्रतिदिन इस्तेमाल किया जाता है.

इसके मद्देनज़र, फ़िलहाल स्वास्थ्य, जल व संचार सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है और ईंधन की कुछ मात्रा को आपात ज़रूरत के लिए बचाकर रखा गया है.

ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े - रफ़ाह में, लगभग 12 लाख लोग विस्थापित लोग रह रहे हैं जो, अन्य इलाक़ों में युद्ध से सुरक्षा की ख़ातिर यहाँ पहुँचे हैं.

संचार व्यवस्था पर असर

यूएन एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि संचार कम्पनियों के पास भी अपनी नैटवर्क सेवा बरक़रार रखने के लिए ईंधन की दैनिक उपलब्धता नहीं है.

यदि हालात यूँ ही जारी रहे तो कुछ ही दिनों में लोगों के पास सूचना पाने का ज़रिया नहीं होगा, और लोगों की ज़रूरतों के बारे में ना जानकारी जुटाई जा सकेगी, और ना ही बिछुड़ने की स्थिति में परिवारों के पास एक दूसरे से सम्पर्क करने का ज़रिया होगा.

एन्ड्रिया डे डोमेनिको के अनुसार ग़ाज़ा में 75 प्रतिशत से अधिक आबादी विस्थापन का शिकार हुई है और निरन्तर सिकुड़ते जा रहे रहने-योग्य इलाक़ा में शरण लेने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है.

दरकती बुनियादी व्यवस्था

उन्होंने बताया कि लोग ऐसे स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हैं जहाँ शौचालय, जल, पर्याप्त सीवर या शरण की व्यवस्था नहीं है. शरण प्रदान करने में जुटे साझेदार संगठनों के पास केवल डेढ़ हज़ार टैन्ट ही बताए गए हैं, जिसके कारण रफ़ाह छोड़कर जा रहे विस्थापितों को अन्य विकल्प ढूंढने पड़ रहे हैं.

साथ ही, उन्हें तिरपाल, रस्सी, कीलों और अन्य औज़ारों की ज़रूरत है, जोकि ग़ाज़ा में फ़िलहाल उपलब्ध नहीं हैं. ग़ाज़ा में इस सामग्री को पहुँचाने के लिए यदि व्यवस्था नहीं की गई तो लोगों को मदद नहीं पहुँचाई जा सकेगी.

दक्षिणी ग़ाज़ा में अधिकाँश खाद्य वितरण व्यवस्था को फ़िलहाल स्थगित कर दिया गया है, चूँकि रफ़ाह में अनेक भंडारण केन्द्रों पर टकराव बढ़ने के कारण असर हुआ है.

ऐसी आशंका जताई गई है कि अधिकाँश राहत साझेदारों के पास वादी ग़ाज़ा में स्थानीय आबादी के लिए खाद्य सहायता इस सप्ताह के अन्त तक समाप्त हो सकती है.

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